Thursday, October 22, 2015

हीरो

वो रोज ही अपने so called बिजी  schedule से वक्त निकाल लेती थी, हीरो को टीवी पर , you tube पर देखने का । वो उसे twitter, facebook पर follow करती, मोबाइल पर उसके गानों की ringtone लगाती।   
उसके laptop पर हीरो के ही photographs होते थे  जिन्हे वो जब अकेली होती थी, तब जी भर कर देखती ।

वो google map पर खुद के घर से उसके घर की दूरी मापती । दूरी ज्यादा नहीं थी, लेकिन फासले थे, कभी तय ना हो पाने वाले ।

उसे आप एक typical Indian Fan कह सकते हैं, हालांकि
उसकी सहेलियां भी उसे फैन कहती थी हीरो का, जिस पर वो अक्सर चिढ जाया करती । उसे सिर्फ फैन नहीं होना था ।

वो हीरो के सब किरदारों से परे उसका असली किरदार जानना चाहती थी। इसके लिये वो google से हीरो के फेवरेट कलर, ड्रेसिंग स्टाईल, बात करने के तरीके को interpret करने की कोशिश करती । वो face reading की books पढती, और हीरो पर apply करने की कोशिश करती ।

कभी कभी वो  डर जाती कि वो सिर्फ एक fan है फिर अचानक ही उसे याद आता कि "If u are alive, everything is possible."
वो सब negative thinkings हटा देती, क्यूकिं उसने "power of your subconscious mind "और "the secret "पढी थी ।

साधारण सी दिखने वाली उस लङकी के
जीवन की इन उलझनों के बीच एक सवाल अटका पङा था-
"क्या सच में चमत्कार, अजूबे या मिरेकल होते हैं"
जिन लोगों के साथ होते हैं, वो भी उनमें से एक होना चाहती थी ।

वो चाहती थी किसी रोज वो सच में हीरो को बताये कि उसके मन में क्या है । वो हीरो को कहना चाहती थी कि वो आखिरी सांस तक हीरो का हर किरदार देखना चाहती है ।
वो चाहती थी कि उम्र के डूबते सूरज के पास वो हीरो का हाथ थामें जाये । वो परफैक्ट हीरो के इम्परफैक्शन जानना, अपनाना चाहती थी । वो हीरो की नहीं, उसके पीछे के normalइन्सान की फैन होना चाहती थी, उसकी आखिरी फैन ।

कई महीनों की कशमकश के बाद आखिर उसने ये सारी बातें आज हीरो को facebook पर message कर ही दी।

वो बेसब्री से जवाब का इन्तजार कर रही है। कुछ मिनट से facebook चैक करती रहती है और इमेजिन कर रही है हैप्पी एन्डिंग ।

"द सीक्रेट"और "पावर आफ योर सबकान्शियस माइंड" की सिग्निफिकेन्स दांव पर लगी है ।

फिर से वही उलझनें हैं और अटका हुआ सवाल भी है -
"क्या सच में चमत्कार, अजूबे या मिरेकल होते हैं"

इसके आगे की कहानी हीरो को खत्म करनी है, कहानियां हीरो ही खत्म करते हैं और अक्सर हैप्पी एन्डिंग ही करते हैं।

-कहानियां जिन्दगी से ही बनती हैं, इसलिए अक्सर अधूरी होती हैं ।

2 comments:

  1. I would certainly want to read you, if you are not already published. I must say, you are a prolific writer. Best wishes

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