Wednesday, October 23, 2013

प्रश्न

प्रश्नों से भरा है ये जीवन ..
ये  सृष्टि
आदि से अंत तक  है प्रश्न
क्या तलाश होगी पूर्ण सब उत्तर पाने की ??


क्या ये प्रश्नचिन्ह बना रहेगा हम सबके बाद ??
या , कोई स्थान है जहाँ लिखे पड़े हैं सारे उत्तर
किसी  शिला लेख पर
या दबे पड़े हैं कहीं प्रश्नों की अगणित चट्टानों के बोझ तले??

क्या  यूँ ही ये प्रश्नचिन्ह  बढते जायेंगे ??
और  हर प्रश्न बना रहेगा प्रश्न ही
उत्तर इनके कभी न मिल पाएंगे ?

जैसे कभी नहीं मिल पाई है ..
धूप और छाया को बाँटती वो पूर्ण लकीर  !!

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