गये हो ऐसे के वापिस लौट कर नहीं आते ..
मुड कर देखने पर उभरता है चलचित्र
और बहने लगते है दोनों आसमानों से आंसू
याद का पौधा समय के साथ पेड़ बन गया है
बहुत सींचा है इसे ...
मेरे हर दिन को जैसे कैद कर रखा है तुमने
और महीनो को जकड रखा है ..
सालों पर भी अब बेडियाँ डाल दोगे तुम ....
बीतते जा रहे हो ..
छूटते जा रहें हो ...
फिर भी साथ हो ...
तुम "वक्त " हो गए हो जैसे !!
मुड कर देखने पर उभरता है चलचित्र
और बहने लगते है दोनों आसमानों से आंसू
याद का पौधा समय के साथ पेड़ बन गया है
बहुत सींचा है इसे ...
मेरे हर दिन को जैसे कैद कर रखा है तुमने
और महीनो को जकड रखा है ..
सालों पर भी अब बेडियाँ डाल दोगे तुम ....
बीतते जा रहे हो ..
छूटते जा रहें हो ...
फिर भी साथ हो ...
तुम "वक्त " हो गए हो जैसे !!
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