अजब
तिलिस्म बिखरा पङा है
मैं
जिन्दगी
समेटती हूँ
और हाथ छोटे होते जाते हैं
मैं हैरान हूँ
सिकुङ रही हूं
हर पल
रिस रही है मौत मुझसे
तिलिस्म बिखरा पङा है
मैं
जिन्दगी
समेटती हूँ
और हाथ छोटे होते जाते हैं
मैं हैरान हूँ
सिकुङ रही हूं
हर पल
रिस रही है मौत मुझसे
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