जिस दिन
पत्थर और सूरज
मिलकर
करेगें बात
एक दूसरे से
एक
पिघलने लग जायेगा
दूसरे की मन्द होती आग में
और जो बचा रहेगा
वो पानी होगा
उस रोज
मैं भी बता दूगीं
हां,
भ्रम और अहं
नहीं टिकते
अन्त के आगे
सब कुछ पिघल जाता है
और जो बचा रहता है
वो "पानी" होता है!!